કોરોના કાંઈ નવો નથી - कोरोना सिर्फ एक डर है।
कोरोना कोरोना कोरोना = डर डर और सिर्फ डर
मलेरिया की दवा की खोज को लगभग 50 साल हो चुके हैं ... फिर भी हर साल भारत में मलेरिया के 65 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं, जिनमें से लगभग 22 से 24 हजार लोगों की मौत (प्रति माह 3 हजार) होती है। अकेले भारत में लगभग 26,90,000 टीबी रोगी हैं और हर साल लाखों लोग टीबी से मर जाते हैं। वही टीबी की दवाएं सालों से उपलब्ध हैं और सरकार उन्हें मुफ्त में भी देती है।
अगर कोरोना जैसी मलेरिया या टीबी के मामलों की खबरें और आंकड़े रोजाना मीडिया में दिए जाएं तो लोग पागल हो जाएंगे। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है, बस कोरोना के साथ रहना सीखें। फिर मास्क हो, सोशियल डिस्टेन्स हो या सेनिटाइज़र हो। ( जैसा कि हम मलेरिया के साथ जीते आए हैं। ऑल-आउट, ओडोमॉस, कछुए अगरबत्ती का उपयोग करके )
कोरोना के उपाय थोड़े अलग होंगे। लेकिन कृपया करके कोरोना अपडेट के मायाजाल में न आएं, अन्यथा आप जीवन का आनंद नहीं ले शके गे।
केवल मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही मुसीबत से निकलने का रास्ता खोज सकता है। इसीलिए हमेशा मन में ख़ुशी बनाये रखे और स्वस्थ रहे
यह समय भी बीत जाएगा।
इसलिए स्वस्थ रहें, मस्त रहें।
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