मोबाइल का न्यूनतम उपयोग करे

 मोबाइल का न्यूनतम उपयोग करे



जरा सोचें, मोबाइल से हम आजकल कितने सारे काम करते हैं! हम उस पर बातें करते हैं, गाने सुनते हैं,फ़िल्में देखते हैं... और तो और, गेम खेलते हैं, चैटिंग करते हैं, फ़ेसबुक पर जाते हैं, नेट सफ़िंग करते हैं, इंटरनेट बैंकिंग करते हैं, फ़ोटो खींचते हैं, वीडियो बनाते और देखते हैं। एक छोटे से मोबाइल की बदौलत आज दुनिया सचमुच हमारी मुट्ठी में आ चुकी है।


लेकिन ज़रा ठहरें! ज़रा सोचें कि कुछ साल पहले जब मोबाइल नहीं थे, तब भी हमारा जीवन अच्छी तरह चल रहा था। यह भी विचार करें कि मोबाइल युग में क़दम रखने के बाद हमारा कितना सारा क़ीमती समय निरर्थक चीज़ों में बर्बाद हो जाता है। आज के युवा मोबाइल पर गाने सुनने, चैटिंग करने और बातचीत करने में इतने खोए रहते हैं कि उनके पास कुछ सोचने की फ़ुरसत ही नहीं रह गई है। जहाँ समय खाली मिला, मोबाइल चालू हो जाता है। और तो और, क्लासरूम में भी विद्यार्थी मोबाइल पर मैसेज भेजते रहते हैं। वे यह नहीं जानते कि मोबाइल फ़ोन स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक होते हैं।



         अधिकांश मोबाइल फ़ोन्स में से घातक इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक रेडिएशन निकलता है, जिससे कई प्रकार के ख़तरे उत्पन्न हो जाते हैं। अत्यधिक रेडिएशन की वजह से ब्रेन ट्यूमर, नपुंसकता,कैंसर, गर्भपात, क्षतिग्रस्त डीएनए की विकृति जैसी कई ख़तरनाक बीमारियाँ हो सकती हैं। इसलिए आप मोबाइल का जितना कम उपयोग करें, उतना ही आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। लेकिन मोबाइल की महामारी दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ती जा रही है। एक अध्ययन से पता चला है कि अमेरिका के लोग लगभग 3 घंटे का समय अपने मोबाइल इंटरनेट पर बिताते हैं, जिसका दो-तिहाई हिस्सा इंस्टेंट मैसेजिंग में इस्तेमाल होता है।

       मोबाइल हमारे समय के सबसे बड़े शत्रुओं में से है. क्‍योंकि यह हमें महत्वहीन कामों में उलझा देता है महत्वपूर्ण काम करने से रोकता है। मेरी एक परिचित विद्यार्थि  है, जिसके माता-पिता ने उसे आईआईटी की परीक्षा में बेठने के लिए प्रेरित किया, कोचिंग की भारी-भरकम फ़ीस भरी लेकिन वह लड़की पढ़ाई करने के बजाय कमरा बंद करके मोबाइल पर चैटिंग करती रही। नतीजा वही हुआ, जो तय था : वह परीक्षा में पास नहीं हो पाई। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग है : मोबाइल का न्यूनतम उपयोग करें। '



          मोबाइल से दोतरफ़ा समय बर्बाद होता है : या तो हम खुद ही अपना समय बर्बाद करते हैं या फिर इसके माध्यम से दूसरे हमारा समय बर्बाद करते हैं। जब भी किसी का मनहोता है, वह हमारे मोबाइल की घंटी बजा देता है। हम कोई महत्वपूर्ण काम कर रहे होते हैं कि बीच में ही कोई फ़ोन आ जाता है, जिससे काम का पूरा जोश ठंडा पड़ जाता है। मोबाइल के कारण हम रात को भी चैन से नहीं सो पाते हैं। आधी रात को कोई मैसेज या फ़ोन आकर हमारी नींद ख़राब कर देता है। देखिए, इंटरनेट से भी हमारा समय बर्बाद होता है, लेकिन उसके ईमेल हमारी नींद ख़राब नहीं करते हैं। ईमेल हम अपनी इच्छा से चेक करते हैं, जबकि मोबाइल पर हमे हमेशा मौजूद रहना पड़ता है।

        मोबाइल पर समय की बर्बादी को देखते हुए कुछ लोग दो मोबाइल नंबर रखते हैं : एक सबके लिए और दूसरा साल ख़ास लोगों के लिए।वे अपना सार्वजनिक मोबाइल नंबर शाम को बंद कर देते हैं, ताकि कोई अनावश्यक रूप से उन्हें परेशान न करे। कोई महत्वपूर्ण कॉल छूट न जाए, इसके लिए वे हर दो-तीन घंटे बाद फ़ोन चालू करके मिस्ड कॉल चेक कर लेते हैं। कई लोग अपने सेलफ़ोन को साइलेंट मोड पर रखते हैं और मिस्ड कॉल देखकर अपनी सुविधा से बात करते हैं। मीटिंग में सेलफ़ोन बंद कर दें, क्योंकि किसी महत्वपूर्ण चर्चा के बीच में मोबाइल की घंटी बजने से न सिर्फ़ आपकी, बल्कि बाक़ी लोगों की भी एकाग्रता भंग होती है। मोबाइल आधुनिक युग की वह देन है, जिसका फंदा आपके समय के गले में दिनोदिन कसता ही जा रहा है ओर यदि आपने इसका कोई इलाज नहीं किया, तो यह आपके ज़्यादातर समय का सत्यानाश कर देगा। इसलिए मोबाइल का न्यूनतम उपयोग करें और उससे बचनेवाले समय का अधिकतम सदुपयोग करें।


1.टी.वी. सबका दुश्मन

2.व्यायाम करने से कोन-कोन से फायदे होते है

3.सुशांत सिंह राजपूत के पास कुल कितने करोड़ की संपत्ति थी? एक फिल्म की फीस कितनी थी?

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