हनुमान चालीसा में ब्रह्मांड का रहष्य
" जुग सहस्र जोजन पर भानु "
यह हनुमान चालीसा में दिया गया एक ऐसा सच हे जो हमें ब्रह्मांड के दो ग्रह यानि सुर्य और पृथ्वी के बिच का अंतर बताता हे। इस छोटी सी लाईन का बहोत ही बड़ा अर्थ हे जो हमारे तुलसी दासजी ने 16 वीं सदी में हमें बता गए थे और वर्ल्ड के साइंटिस्टों ने इसे 18 वीं सदी में ढूँढा था। इस का पुरा विस्तरण यहाँ निचे हमने दिया हे।
=> " जुग " का मतलब हे एक युग यानि ( 12,000 साल )
=> " सहस्र " का मतलब हे ( 1000 साल )
=> " जोजन " का मतलब हे आठ ( 8 )
अब इन तीनो को हम गुणन करते हे।
12000(जुग) x 1000(सहस्र) x 8(जोजन) = 9,60,00,000
मतलब, 9 करोड़ 60 लाख माइल
1 माइल का मतलब 1.6 किलोमीटर होता हे।
9,60,00,000 माइल x 1.6 किलोमीटर = 15,36,00,000 किलोमीटर
> " भानु " का मतलब हे सूर्य ( SUN )
यानि की हमारी पृथ्वी और सुर्य के बीच का अंतर हे 15,36,00,000 किलोमीटर। सोचिये जो वर्ल्ड के साइंटिस्टों ने इसे 18 वीं सदी में ढूँढा था वो हमारे तुलसी दासजी ने 16 वीं सदी में हमें हनुमान चालीसा द्वारा बताया था पर हम इसे ढूंढ नहीं पाये।
इससे हमें ये तो पता चलता ही हे की हमारे ऋषी-मुनिओ ने ऐसे कई सारे राज़ हमें बताये हे बस हमारी ढूंढने की इच्छा नहीं हे हम अपनी संस्कृति, वेदो और पुराणों को भुल रहे हे। भविष्य में ऐसे कई सारे राज़ बहार आएंगे जब उसे साइंटिस्टों ने खोज लिया होगा उसके बाद। इससे कई ज्यादा ऐसी राज़ की बाते हे जो हम आपसे अगले कुछ ब्लॉग में करेंगे। तब तक के लिए आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे, घर में रहे।
आप हमारे भारत देश की किस कहानी के में बारे में जानना चाहते हे ये हमें कमेंट बॉक्स जरूर बताये ताकि हम आपके पास वे सच्ची कहानी पहोंचा शके।
Thank you so much,
Very nice and it's very knowelegeble post
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंThank u for this knowledge
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